पांचवी अनुसूची की बात नही करने वाले, समाज विरोधी भूमिका निभाने वाले जनप्रतिनिधियों का किया जायेंगा राजनैतिक बहिष्कार...
समाज ने कहा जो जनप्रतिनिधि 5 वीं अनुसूची की बात नहीं करेगा, उनके अनुपालन के लिए काम नहीं करेगा उनके पूर्णतः बहिष्कार करने की दी
चेतावनी
5वीं अनुसूची का अनुपालन, अवैध घुसपैठियों को बस्तर से भगाने का सवाल वह ससंद में उठायेगे या नहीं और कई प्रश्न पर प्रतिनिधि पसीने पोंछते नजर आए.
खबर है
कि समाज के निर्णय के विपरीत जाने और समाज के मुद्दों से दूरी बनाने वाले आदिवासी विधायक, सांसदों को पत्र जारी कर समाज द्वारा बुलाया गया था जिसमें सिर्फ क्षेत्रीय सांसद विक्रम उसेंडी, क्षेत्रीय विधायक शंकर ध्रुवा व जिला पंचायत अध्यक्ष ही पहुचे थे अंतागढ़ विधायक भोजराज नाग बैठक में नही पहुचे । बैठक सफल रही , बैठक खरा और कड़क मंथन हुआ और राजनीतिक प्रतिनिधियों को उपस्थित सभी पदाधिकारी सहित उपस्थित सर्व आदिवासी समाज जनसमूह ने दो टूक खरी खरी कह दिया। खबर है
कि समाज और समाज के मुद्दों की समाज को प्राप्त राजनीतिक आरक्षण से निर्वाचित होकर अनदेखी अब बिल्कुल बर्दाश नहीं की जायेगी और उन्होने आश्वाशन दिया है कि दुबारा ऐसा नहीं होगा । सांसद-विधायक
और जनप्रतिनिधियों ने कहा कि समाज को विश्वास में लेकर कार्य किया जायेगा हालांकि 5वीं अनुसूची का अनुपालन, अवैध घुसपैठियों को बस्तर से भगाने का सवाल वह ससंद में उठायेगे या नहीं और कई प्रश्न पर प्रतिनिधि पसीने पोंछते नजर आए.
विदित हो कि सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग द्वारा 6 सितंबर को बस्तर संभाग बंद की समीक्षा बैठक दिनांक 10 सितंबर को गोंडवाना भवन,भीरावही कांकेर में रखी गई थी । सर्व आदिवासी समाज बस्तर जिला के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि पालनार घटना, अवैध घुसपैठीयों,नगरनार प्लांट की विनेविषीकरण एवं अनुसूचित क्षेत्र में पारम्परिक ग्रामसभाओं की प्रस्ताव का पालन प्रमुख मांग हैं को लेकर दिनांक 10 सितंबर को गोंडवाना भवन,भीरावही कांकेर में हुई मैराथन समीक्षा बैठक के बडे़ मायने हैं। सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों के पदाधिकारी, युवा प्रभाग , संगठन के प्रदेश पदाधिकारी और बड़ी संख्या में प्रबु़द्ध सगा समाज उपस्थित हुए। बैठक में बंद की सभी जिलों की विस्तृत समीक्षा की गई अनुसूचित क्षेत्र नगरी तहसील जिला धमतरी , मानपुर व मोहला में भी बंद की जानकारी दी गई इस हेतु सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग आभार व्यक्त करते हुए आगामी चरण के आंदोलन में भी सहयोग की अपील की गई।
जानकारी है कि द्वितीय चरण की संभागीय समीक्षा बैठक जगदलपुर में करना तय किया गया है जिसमे मध्य और दक्षिण बस्तर के सांसद, विधायको, मंत्रियों को बुलावा पत्र जारी कर बुलाया जायेगा, और समीक्षा बैठक कर उनकी संवैधानिक व सामाजिक भूमिका सुनिश्चित की जानी है। प्रेस
विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि सर्व आदिवासी समाज के कुछ जिलों के पदाधिकारियों की समाज विरोधी गतिविधि करने वालों पर भी कड़ी कार्यवाही की जायेगी। सर्व आदिवासी समाज- बस्तर संभाग एवं प्रदेश संगठन में अब समाज के मुद्दों पर आदिवासी जन प्रतिनिधियों के उदासीन रवैयें और दूरी केा लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है, जो जनप्रतिनिधि 5 वीं अनुसूची की बात नहीं करेगा, उनके अनुपालन के लिए काम नहीं करेगा उनके पूर्णतः बहिष्कार के संकेत एक स्वर में सर्व आदिवासी समाज संभागीय एवं प्रदेष संगठन और संभाग भर से पंहुचे सगाजनों ने दिये और सभी आदिवासी समाज सगाजनों से गाँव-गाँव छोर-छोर इस बाबत तैयार रहने अपील की है.
राम विचार नेताम का
सामाजिक कार्यक्रम में किया जाएगा बहिष्कार, समाज ने किया निंदा प्रस्ताव
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने प्रेस
विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राम विचार नेताम का यह बयान कि बंग समुदाय हमारे भाई बंधु हैं, इनको बस्तर से बाहर करने वालों पर कड़ाई से कार्यवाही की जायेगी पर समाज ने तिखी विरोध प्रतिक्रिया व कड़ी निंदा की और उनकी असंवैधानिक रवैयों को आडे़ हाथों लिया गया है ।समाज राम विचार नेताम को यह संवैधानिक आदेष देती है कि बंग समुदाय उनके भाई बंधु है तो अनुसूचित क्षेत्र बस्तर संभाग में असंवैधानिक रुप से रहे बंगालियों को उनके गृह जिला रामानुजगंज में ले जाकर बसायें यदि नहीं बसायेंगे तो इस बयान की औचित्य समाज को अवगत कराये। आगामी दिनों में रामविचार नेताम का बस्तर संभाग के किसी भी प्रकार की सामाजिक कार्यक्रम और मंच प्रदान नहीं किया जायेगा साथ ही अनुसूचित क्षेत्र बस्तर में प्रवेश करने पर आदिवासी समुदाय काला झंडा दिखाकर विरोध किया जायेगा। बैठक में राम विचार नेताम व विधायक भोज राज नाग द्वारा संविधान व समाज विरोधी बयान व काम करने का निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। ऐसे समाज विरोधी सोनू मांझी की भूमिका निभाने वाले समाज कंटको को समाज से दूर रखने की बात सगाजनो ने कही है । सर्व आदिवासी समाज ने आगामी आर्थिक नाकेबंदी और आंदोलन इत्यादि कार्यक्रमों में आदिवासी राजनैतिक नेताओं की उपस्थिति पूरे संभाग भर के सामाजिक प्रतिनिधियों ने अनिवार्य कहा है। यदि नहीं आते हैं तो राजनैतिक बहिष्कार करने की बात कही गई है।
क्या कहा
जनप्रतिनिधियों ने ...
“कांकेर जिला पंचायत अध्यक्ष सुभद्रा
सलाम ने कहा कि में समाज की बदौलत यहा तक पहुंची हु, संविधान में निहित पांचवी
अनुसूची का पालन अगर नही होता है तो में सडक की लड़ाई लडूंगी, समाज जो निर्णय लेगा
में उसके साथ हु, बंग समुदाय के सवाल पर चुप्पी साथ लिया गया.”
“कांकेर विधायक शंकर धुर्वा ने कहा
कि समाज जो निर्णय लेगा वो सर्वोपरी है, प्रशासन पांचवी अनुसूची का पालन कराने में
पूरी तरह असमर्थ है, अगर पांचवी अनुसूची का पालन नही होता है तो सामाज जो लड़ाई लडेगा
में उनके साथ हु, बंग समुदाय के शरणार्थीयों के सवाल पर शंकर धुर्वा ने कहा की हम
संवेधानिक लड़ाई के साथ है,”
“कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम ने कहा
कि पुरे मामले में जब तक में अध्यन नही करूंगा कुछ नही कह सकता, हालांकि उन्होंने कहा
कि पांचवी अनुसूची का क्रियान्वयन करने में सरकार और प्रशासन अक्षम है”
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