नक्सल उन्मूलन के नाम पर तैनात जावानो ने नाबालिक छात्रों को मारकर बताया नक्सली
बस्तर:- बारसूर ब्लॉक के हितामेटा पोटाकैबिन में पढऩे वाले कक्षा आठवीं के छात्र को शुक्रवार रात बस्तर पुलिस ने
माओवादी बताकर गोलियों से भून डाला। उसके साथ में गांव का एक दोस्त और पुलिस की कथित मुठभेड़ का शिकार हो गया।
शुक्रवार रात बुरगुम में सुकालूराम और सोमडूराम को
नक्सली बताते पुलिस ने मुठभेड़ में मारने का दावा किया था वाह नक्सली नही बल्कि सरकार के नक्सल
उन्मूलन के नाम पर पुलिस द्वारा भेट चढा चुके दो नाबालिक आदिवासी बच्चे है जो पोटाकेबिन
में पढ़ाई करते थे लेकिन नक्सल उन्मूलन के नाम पर तैनात सुरक्षा बल के जवानो ने
दोनों छात्रों को नक्सली वर्दी पहना कर मौत के घाट उतार दिया, यह आरोप दंतेवाड़ा
विधायक देवती करमा ने पुलिस पर लगाया है
हाल ही में बस्तर पुलिस द्वारा एक आंकडा जारी किया
गया था जिसके अनुसार 94 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा बस्तर पुलिस
कर रही है अब सवाल यह है कि यह आंकड़ो में कितने बेगुनाहों ही ह्त्या कर आंकड़ो का
जाल रचा गया है? ज्ञात हो कि सुरक्षा बलों के हर कथित मुठभेड़ के बाद
ग्रामीणों,परिवारजनों ने मुठभेड़ो को फर्जी बताया है, तो क्या अब बस्तर पुलिस नक्सल
उन्मूलन के नाम पर मुठभेड़ के आकडे बढ़ाने में मशगुल बेगुनाहों की हत्या कर रही है ?
जानकारी के अनुसार ।दो दिन पहले बास्तानार ब्लॉक के
बुरगुम में कथित मुठभेड़ में मारा गया युवक नक्सली नहीं बल्कि पोटाकेबिन का छात्र
था पुलिस उसे बुआ के घर से उठाकर
ले गई और वर्दी पहनाकर गोली मार दिया उसके हाथ में हथियार भी पकड़ा दिया यह आरोप लगाते दंतेवाड़ा
विधायक देवती कर्मा बास्तानार में धरने पर बैठी हैं विधायक का कहना है कि वह वास्तविकता
जानने बुरगुम जा रही थीं लेकिन
सुरक्षा का हवाला देकर फोर्स ने रास्ते में ही रोक लिया गया
जानकारी को कि इससे पहले मडकाम हिडमे को जब सुरक्षा बल के जवानो ने फर्जी
मुठभेड़ में मारा गया था तब सोनी सोरी गोमपाड जाना चाह रही थी लेकिन रास्ते में ही
उन्हें रोककर आदिवासी विरोधी संघठनो ने नारे बाजी किया था बस्तर में कथित मुठभेड़ो
के बाद जब भी कोई पत्रकार,नेता,वकिल,वास्तविकता जानने का प्रयास करता है उन्हें
रोककर उन पर पुलिस द्वारा दबाव बनाया जाता है पुलिस इसे सुरक्षा के कारणों का
हवाला देती है
वही न्यायलय में लबिंत मामले और जमानत पर रिहा अर्जुन को भी सुरक्षा बल के जवानो ने गोलियों
से भुन दिया था
पिता पायकूराम के अनुसार शुक्रवार को सुकालू अपने
दोस्त सोमडूराम के साथ बुरगुम में रहने वाली अपनी बुआ के यहां गमी की खबर देने गया था रात हो
जाने के कारण बुआ ने उसे रोक
लिया देर रात गांव पहुंची पुलिस दोनों को घर से उठाकर ले गई इसके बाद बुरगुम
से कुछ लोग आए और उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी पिता ने मीडिया के
सामने कहा कि मेरा बेटा जब घर से बुआ के घर के लिए निकला तब सामान्य कपड़े पहना था नक्सलियों की
वर्दी उसके शरीर में कैसे आई और हथियार भी, मुझे नहीं
मालूम लेकिन मुझे मालूम है कि मेरा बेटा नक्सली नहीं छात्र था
बास्तानार पहुंची विधायक देवती कर्मा ने मीडिया से
कहा कि मारे गए दोनों बच्चे उनके विधानसभा क्षेत्र के हैं साथ ही, दोनों नाबालिग भी बताए जा रहे हैं
इस मामले की पड़ताल के लिए बुरगुम जा रहे थे उसी दौरान फोर्स ने उन्हें बास्तानार में रोक
लिया श्रीमती कर्मा ने प्रतिनिधिमंडल
को बुरगुम भेजा है वहां से मृतक के रिश्तेदारों को बास्तानार लाने के लिए कहा गया है
मृतक सुकालूराम का पिता विधायक, फोर्स और मीडिया के सामने हितामेटा
पोटाकेबिन का नियमित
छात्र होने का प्रमाण भी दिखा रहा है शुक्रवार रात बुरगुम में सुकालूराम और सोमडूराम को
नक्सली बताते पुलिस ने मुठभेड़ में मारने का दावा किया है सुकालूराम के पिता पायकूराम ने हितामेटा
पोटाकेबिन के पढ़ाई से जुड़े
दस्तावेज कांग्रेसी नेताओं के सामने रखे इन दस्तावेजों से साफ पता चलता है कि सुकालूराम
पोटाकेबिन का नियमित छात्र है
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